मेरे इश्क़ का तो ऐसा हिसाब है साहब कि बंद हो चुका नंबर भी डिलीट करने का दिल नहीं करता..
मेरे इश्क़ का तो ऐसा हिसाब है साहब कि
बंद हो चुका नंबर भी डिलीट करने का दिल नहीं करता..
नज़र अंदाज़ करने की वज़ह क्या है बता भी दो, मैं वही हूँ जिसे तुम दुनिया से अलग बताती थी.. ❤️
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