अब तो सजाएं बन चुकी है गुजरे हुए वक्त की यादें, ना जानें क्यों मतलब के लिए मेहरबान होते है लोग !!
अब तो सजाएं बन चुकी है गुजरे हुए वक्त की यादें, ना जानें क्यों मतलब के लिए मेहरबान होते है लोग !!
मेरे लफ्जों को तो ये दुनिया वाले लूट ले जाते हैं, काश मेरे दर्द की दौलत को भी कोई लूट ले जाता..!!!
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