जो अधूरी रह गयी थी वो कहानी सोचना,कभी बैठकर तन्हा अपनी बातें पुरानी सोचना..
जो अधूरी रह गयी थी वो कहानी सोचना,कभी बैठकर तन्हा अपनी बातें पुरानी सोचना..
गलत फहमियों के सिलसिले इतने दिलचस्प है, हर ईंट सोचती है कि दीवार बस मुझसे जिन्दा है !
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हम किसी के काबिल नहीं है इस लिए दूर रहने लगे हैं जो हमारे बिना खुश हैं हम उन्हें सताया नही करते..!!
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नज़रिया बदल के देख, हर तरफ नज़राने मिलेंगे..! ऐ ज़िन्दगी यहाँ तेरी तकलीफों के भी दीवाने मिलेंगे..!!
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