तेरा ज़िक्र..तेरी फिक्र ..तेरा एहसास..तेरा ख्याल, तू खुदा तो नहीं ...फिर भी हर जगह मौज़ूद क्यूँ है ?
तेरा ज़िक्र..तेरी फिक्र ..तेरा एहसास..तेरा ख्याल,
तू खुदा तो नहीं ...फिर भी हर जगह मौज़ूद क्यूँ है ?
हमने भी एक ऐसे इंसान को चाहा जिसे, भूलना हमारे बस में नहीं और पाना किस्मत में नहीं..!
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किसी को क्या बताये की कितने मजबूर है हम..! चाहा था सिर्फ उसे और उस से ही दूर है हम..!!!
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हम किसी के काबिल नहीं है इस लिए दूर रहने लगे हैं जो हमारे बिना खुश हैं हम उन्हें सताया नही करते..!!
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