desi-Shayari


रुकी-रुकी सी लग रही है नब्ज-ए-हयात, ये कौन उठ के गया है मेरे सिरहाने से।
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जीवन एक ल़हर थी और आप साहिल थे,
क्या मालूम कैसे आप हमारे काबिल थे,
नही भूलेंगे उन हसीन लम्हो को,
जिस दिन आप हमारी ज़िंदगी मे शामिल थे.
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कुछ ऐसे ही हो रहा अब रिश्तों का विस्तार
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जिससे जिसका मतलब जितना उससे उतना प्यार!!
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जीवन एक ल़हर थी और आप साहिल थे,
क्या मालूम कैसे आप हमारे काबिल थे,
नही भूलेंगे उन हसीन लम्हो को,
जिस दिन आप हमारी ज़िंदगी मे शामिल थे.
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टूट जाएगी मुझसे बिछड़ कर वो,
सच में कमाल का वेहम था..!!!!
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इन्सान बुरा नही हू सहाब
बस वक्त खराब चल रहा हे..
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इक झलक देख लें तुझको तो चले जाएंगे..

कौन आया है यहां उम्र बिताने के लिए
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सिखा दिया दुनिया ने मुझे अपनो पर भी शक करना
मेरी फितरत में तो गैरों पर भी भरोसा करना था..!!
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कपड़े और चेहरे अक्सर झूठ बोला करते हैं
इंसान की असलियत तो वक्त बताता है....
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मेरे इश्क़ का तो ऐसा हिसाब है साहब कि
बंद हो चुका नंबर भी डिलीट करने का दिल नहीं करता..
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पत्थर तो बहुत मारे थे लोगों ने मुझे,लेकिन जो दिल पर आ के लगा वो किसी अपने ने मारा था..😔😔
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गलत फहमियों के सिलसिले इतने दिलचस्प है,
हर ईंट सोचती है कि दीवार बस मुझसे जिन्दा है !
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