desi-Shayari


किसी को क्या बताये की कितने मजबूर है हम..!
चाहा था सिर्फ उसे और उस से ही दूर है हम..!!!
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बेरोजगारी के भत्ते सी थी मोहब्बत उसकी...
दिल के खाते तक, सीधी कभी पहुची ही नही..
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हजार के नोटों से तो बस अब जरूरत पूरी होती है.. मजा तो " माँ " से मांगे एक रूपये के सिक्के में था।
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लोग अगर समझाने से समझ जाते ,🎶
तो बासुरी वाला कभी " महाभारत " नही होने देता.
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मेरे लफ्जों को तो ये दुनिया वाले लूट ले जाते हैं,
काश मेरे दर्द की दौलत को भी कोई लूट ले जाता..!!!
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लफ़्ज़ों को भी लगता हैं अब इश्क हो गया हैं...!!
मचल-मचल कर मेरे ख़्यालों में अब आने लगे हैं...!!!
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“खत्म हो गए सारे किस्से जो दरमियानं थे..,
अब तो बस कुछ मुलाकातों का असर बाकी है..!”
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एक ना एक दिन पा हि लूंगा तुझे मंज़िल। ठोकरे ज़हर तो नही जो खा कर मर जाऊंगा।।
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हमेशा के लिए रख लो ना मुझे पास अपने,
कोई पूछे तो बता देना किरायेदार है दिल का..
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कुछ इस कदर खोये हैं तेरे ख्यालो में,
कोई वक्‍त भी पुछता है तो तेरा नाम बता देते
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यकीन था कि तुम भूल जाओगे मुझे.,
खुशी है कि तुम उम्मीद पर खरे उतरे.!
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काश एक खवाहिश पुरी हो जाऐ इबादात के
बगैर.....!!!😞
कोई मुझे भी चाहने लगे
मेरी इजाजत के बगैर.....!!!!!
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